गाजियाबाद पुलिस ने पकड़ा करोड़ों का कफ सीरप तस्करी गिरोह 8 शातिर गिरफ्तार, 1.57 लाख शीशियाँ और ₹20 लाख नकद बरामद

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गाजियाबाद की स्वाट टीम और अपराध शाखा ने सोनभद्र पुलिस के साथ मिलकर प्रतिबंधित Eskuf और Phensedyl Cough Syrup की तस्करी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और 1,57,350 शीशियाँ कोडीन युक्त कफ सीरप बरामद कीं। बरामदगी में दो ट्रक, दो कैंटर, एक क्रेटा कार, ₹20 लाख नकद, दो लैपटॉप, 10 मोबाइल, फर्जी सिम कार्ड और दस्तावेज शामिल हैं। बरामद कफ सीरप का अनुमानित मूल्य लगभग ₹3.40 करोड़ है। 📅 कार्रवाई की तारीख और स्थान तारीख: 03/04 नवम्बर 2025 की रात स्थान: मेरठ रोड स्थित मछली गोदाम परिसर, नन्दग्राम, गाजियाबाद मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापा मारकर चार ट्रकों से कफ सीरप की 1150 पेटियाँ बरामद कीं, जिन्हें चूने के बोरो के बीच छिपाया गया था। 📦 बरामद सामग्री का विवरण वस्तु विवरण Eskuf Cough Syrup 850 पेटी Phensedyl Cough Syrup 300 पेटी कुल शीशियाँ 1,57,350 (100 मि.ली. प्रत्येक) कुल मूल्य ₹3.40 करोड़ नकद ₹20 लाख वाहन 2 ट्रक, 2 कैंटर, 1 क्रेटा कार अन्य 2 लैपटॉप, 10 मोबाइल, फर्जी सिम, 7 मुहरें, 19 स्टिप Tapentadol टैबलेट 👮 गिरफ्तार अभियुक्तों की सूची सौरव त्यागी – मुख्य अभियुक्त, गाजियाबाद शादाब – गाजियाबाद शिवकान्त उर्फ शिव – कानपुर नगर संतोष भडाना – गाजियाबाद अम्बुज कुमार – मेरठ धर्मेन्द्र कुमार सिंह – सुल्तानपुर (वर्तमान में दिल्ली) दीपू यादव – टीकमगढ़, म.प्र. सुशील यादव – टीकमगढ़, म.प्र. 🧩 पूछताछ में बड़ा खुलासा मुख्य अभियुक्त सौरव त्यागी ने बताया कि यह कफ सीरप भारत और बांग्लादेश में नशे के रूप में उपयोग किया जाता है। भारत में इसके विक्रय पर प्रतिबंध होने के कारण इनकी तस्करी और कालाबाजारी की जाती थी। गिरोह के मुख्य सरगना मेरठ निवासी आसिफ और वसीम तथा वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल बताए गए हैं। ये लोग दिल्ली, गाजियाबाद, हरियाणा से कफ सीरप इकट्ठा कर पूर्वोत्तर राज्यों (झारखंड, बंगाल, असम) तक भेजते थे। वहाँ से यह सीरप बांग्लादेश में तस्करी होता था। फर्जी फार्मा कंपनियाँ बनाकर वान्या इंटरप्राइजेज, नई दिल्ली से माल खरीदा जाता था। फर्जी ई-वे बिल और कूटरचित दस्तावेजों से माल का परिवहन किया जाता था। ⚖️ कानूनी कार्रवाई कोडीन NDPS Act (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत मादक पदार्थ की श्रेणी में आता है। पुलिस के अनुसार अभियुक्तों के पास परिवहन और भंडारण के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं था। अब पुलिस इनके नेटवर्क, बैंक खातों और मोबाइल डाटा की भी जांच कर रही है। 🏅 पुलिस टीम को मिला सम्मान इस बड़ी सफलता के लिए पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट गाजियाबाद ने संयुक्त टीम को ₹50,000 नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है। 🧠 निष्कर्ष गाजियाबाद पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल करोड़ों रुपये की कफ सीरप तस्करी को रोका, बल्कि यह भी उजागर किया कि किस तरह फर्जी फार्मा कंपनियों और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नशे के कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा था। यह मामला देशभर में फैले फार्मा आधारित नशे के नेटवर्क पर एक बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
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