शालीमार गार्डन पुलिस की बड़ी कार्यवाही
शालीमार गार्डन थाना पुलिस ने एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने नोटबंदी के दौरान प्रचलन से बाहर हो चुकी पुरानी करेंसी के 3 करोड़ 85 लाख रुपये की बरामदगी के मामले में कुल आठ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों को पुरानी करेंसी बदलवाने के नाम पर ठगी करने का काम करता था।
🕵️♂️ कार्रवाई का विवरण
दिनांक 30/31 अक्टूबर 2025 की रात्रि में शालीमार गार्डन पुलिस टीम द्वारा चेकिंग के दौरान चार अभियुक्तों —
शुभम चौधरी पुत्र जयबीर सिंह,
अरुण पुत्र वीरसिंह कश्यप,
महेश प्रसाद पुत्र स्व. रामप्रसाद राजपूत,
जितेन्द्र कुमार पुत्र रामप्रकाश —
को प्रचलन से बाहर हो चुकी पुरानी करेंसी के साथ गिरफ्तार किया गया। इन चारों के पास से ₹3 करोड़ 85 लाख रुपये की पुरानी करेंसी बरामद हुई।
इस आधार पर थाना शालीमार गार्डन में अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 318(2), 62, 61(2), 3/5 बीएनएस तथा 5/7 स्पेसिफाइड बैंक नोट्स (देयता समाप्ति) अधिनियम 2017 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया।
🚓 आगे की कार्रवाई में चार और गिरफ्तार
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आगे की जांच में दिनांक 06 नवम्बर 2025 को दो अभियुक्त —
एस.के. उर्फ शारिक पुत्र मोईनउल्ला खां निवासी जैनुद्दीनपुर, थाना हसवर, जनपद अम्बेडकर नगर
फखरुद्दीन पुत्र अब्दुल रऊफ निवासी मोहल्ला यूसुफलाल मस्जिद, थाना टांडा, जनपद रामपुर —
को लोहिया पार्क, शालीमार गार्डन के पास से गिरफ्तार किया।
इसके बाद दिनांक 07 नवम्बर 2025 को पुलिस ने दो और अभियुक्तों —
अभिनव उर्फ राहुल बुद्धि राजा पुत्र सुरेन्द्र कुमार निवासी विष्णु गार्डन, तिलक नगर, दिल्ली
नसरूद्दीन पुत्र अब्दुल रऊफ निवासी मोहल्ला यूसुफलाल मस्जिद, थाना टांडा, रामपुर —
को 80 फुटा रोड, शालीमार गार्डन के पास ग्रीन पार्क से दबोच लिया।
🔍 पूछताछ में बड़ा खुलासा
पूछताछ के दौरान पुलिस को यह पता चला कि यह गिरोह पुरानी करेंसी बदलवाने के नाम पर धोखाधड़ी (फ्रॉड) करने वाला एक संगठित नेटवर्क है, जो तीन स्तरों पर काम करता है:
पहला स्तर: पुराने नोट इकट्ठा करने वाले सदस्य
दूसरा स्तर: इकट्ठा की गई रकम को ‘सोर्स से डेस्टिनेशन’ तक पहुँचाने वाले सदस्य
तीसरा स्तर: लोगों को पुराने नोट बदलवाने का लालच देकर ठगी करने वाले सदस्य
अभियुक्तों ने बताया कि वे व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स के माध्यम से संपर्क में रहते थे।
वे आम लोगों को यह कहकर फँसाते थे कि पुरानी करेंसी को 25% कमीशन पर नई करेंसी में बदल देंगे।
लोगों से एडवांस रकम ली जाती थी, लेकिन न तो पैसे बदले जाते थे और न ही एडवांस लौटाया जाता था।
चूँकि पुरानी करेंसी कानूनी रूप से अवैध हो चुकी थी, इसलिए ठगी के शिकार लोग पुलिस में शिकायत करने से बचते थे।
👤 गिरोह का सरगना
पुलिस के अनुसार इस पूरे नेटवर्क का मुख्य सरगना “अभिनव उर्फ राहुल बुद्धि राजा” है।
इसी के निर्देशन में यह गिरोह दिल्ली, उत्तर प्रदेश और आस-पास के इलाकों में पुरानी करेंसी बदलवाने के नाम पर लोगों को ठगने का काम करता था।
📋 गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम व पते
एस.के. उर्फ शारिक पुत्र मोईनउल्ला खां — निवासी ग्राम जैनुद्दीनपुर, थाना हसवर, जिला अम्बेडकर नगर (उ.प्र.), उम्र 36 वर्ष
फखरुद्दीन पुत्र अब्दुल रऊफ — निवासी मोहल्ला यूसुफलाल मस्जिद, थाना टांडा, जिला रामपुर (उ.प्र.), उम्र 28 वर्ष
अभिनव उर्फ राहुल बुद्धि राजा पुत्र सुरेन्द्र कुमार — निवासी डब्ल्यू.ज़ेड. 18/4, विष्णु गार्डन, तिलक नगर, दिल्ली, उम्र 27 वर्ष
नसरूद्दीन पुत्र अब्दुल रऊफ — निवासी मोहल्ला यूसुफलाल मस्जिद, थाना टांडा, जिला रामपुर (उ.प्र.), उम्र 22 वर्ष
⚖️ कानूनी कार्यवाही जारी
गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना शालीमार गार्डन में नकली करेंसी और धोखाधड़ी से संबंधित अपराधों में अभियोग पंजीकृत किया गया है।
पुलिस अन्य आपराधिक इतिहास और नेटवर्क से जुड़ी कड़ियों की भी पड़ताल कर रही है।
संभावना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्य भी शीघ्र ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
🚨 पुलिस की अपील
शालीमार गार्डन थाना पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि
कोई भी व्यक्ति पुरानी करेंसी बदलवाने या ऐसे किसी प्रस्ताव के झांसे में न आए।
ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या सूचना को तुरंत पुलिस को सूचित करें।
यह मामला यह दर्शाता है कि नोटबंदी के वर्षों बाद भी पुराने नोटों से ठगी का कारोबार अब भी सक्रिय है।
शालीमार गार्डन पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक बड़े आर्थिक अपराध गिरोह का पर्दाफाश है,
बल्कि यह जनता को भी जागरूक करती है कि लालच में आने से बचें और कानून का पालन करें।


