उमेश कुमार (Umesh Kumar)
गाजियाबाद। क्राइम ब्रांच व थाना कवि नगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा वाहनो की फर्जी आर0सी0 व परमिट बनाने वाले 02 अभियुक्त चंद्र मोहन उर्फ भोला एवं अरुण गिरफ्तार, कब्जे से 09 अदद फर्जी आर0सी0, 10 अदद फर्जी परमिट व अपराध मे प्रयुक्त 06 अदद फर्जी मोहरे बरामद।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार के उच्च निर्देशन में पुलिस अधीक्षक अपराध के पर्यवेक्षण तथा एएसपी अपराध के कुशल नेतृत्व में एंटी ऑटो थेफ्ट सेल अपराध शाखा तथा थाना कविनगर पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में क्राइम ब्रांच व थाना कवि नगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा वाहनो की फर्जी आरसी व परमिट बनाने वाले दो अभियुक्त चंद्रमोहन एवं अरुण गिरफ्तार, कब्जे से 09 अदद फर्जी आर0सी0, 10 अदद फर्जी परमिट व अपराध मे प्रयुक्त 06 अदद फर्जी मोहरे बरामद।
सख्ती से पूछताछ करने पर चंद्रमोहन उर्फ भोला ने बताया कि वह दसवीं फेल हैं। उसके बाद है आगे घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण नहीं पढ़ सका । चंद्रमोहन ने आरटीओ कार्यालय जींद हरियाणा में 2006 से दलाली का काम शुरू कर दिया था जिस के संबंध में आरटीओ कार्यालय में उसके अच्छे संबंध बन गए थे क्योंकि नंबर एक के काम कराने में बहुत कम पैसे मिलते थे तो उसने आरटीओ से सेटिंग करके कुछ फर्जी आरसियां एवं परमिट बनवाने का काम शुरू कर दिया जिसमें कि उसे काफी ज्यादा मुनाफा होने लगा। इसी बीच वर्ष 2009 में करनाल पुलिस द्वारा वह पकड़ा गया और उसे जेल भेज दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर यही काम दोबारा से शुरू कर दिया वर्ष 2016 के आते-आते आरटीओ कार्यालय पटियाला बठिंडा एवं कोहिमा नागालैंड के आरसी क्लर्क मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर तथा आरटीओ के साथ उसकी अच्छे संबंध बन गए उनके साथ मिलकर उसने अब तक लगभग 200 से 225 फर्जी आरसी एवं परमिट तैयार कराकर ग्राहकों को दिए हैं। उसके पास से बरामद मोहरो में से अब तक उसने लगभग 90 से 100 फर्जी परमिट एवं आरसी तैयार करके ग्राहकों को जिसमें परमिंदर सिंह, सुनील सर्वेश कुमार विनेश कुमार उमेश कुमार आबिद अली आदि लोग सम्मिलित हैं। जब वह जेल चला जाता है तो उसकी अनुपस्थिति में उसका बेटा अरुण उसका कार्यभार संभाल लेता है। उसकी सेटिंग आरटीओ कार्यालय में है जिससे बिना गाड़ी दिखाएं वह आरसी एवं परमिट तैयार करा लेता है इसी काम के आरटीओ कार्यालय में वह पैसे देता है। गाजियाबाद द्वारा पूर्व में पकड़ी गई 32 गाड़ियों के बारे में पूछने पर बताया गया कि राजू निवासी जानी थाना जाने मेरठ मुझे पहले से ही जानता था उसने मेरी मुलाकात परमिंदर एवं सर्वेश से पटियाला में कराई थी परविंदर एवं सर्वेश दोनों ने मुझसे साथ-साथ फर्जी कागजात तैयार कराए। बाद में मैंने राजू के माध्यम से अन्य ग्रहाक को सुनील एवं आबिद अली उमेश कुमार विनेश कुमार को फर्जी कागजात तैयार करा कर दिए थे पूछने पर यह भी बताया कि एक गाड़ी की फर्जी आरसी एवं परमिट तैयार करके देने पर उसे 30 से 40 हजार रुपए तक बच जाते हैं। अभियुक्त गणों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी है तथा फर्जी आरसी एवं परमिट तैयार कराने में आरटीओ कार्यालय पटियाला भटिंडा संगरूर कोहिमा नागालैंड आदि के आरटीओ अधिकारी मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर तथा आरसी क्लर्क की मिलीभगत होने का मामला भी प्रकाश में आया है।
इन शातिर अपराधियों की पहचान चंद्र मोहन उर्फ भोला स्वर्गीय धर्मवीर निवासी 249 इंद्रापुरी निकट पब्लिक स्कूल थाना समाना जिला पटियाला पंजाब तथा वर्तमान पता जयपुर रोड निकट प्लेवे स्कूल दोराहा थाना लुधियाना उम्र करीब 63 वर्ष और अरुण पुत्र चंद्रमोहन उर्फ भोला जो कि अपराधी का ही पुत्र है उम्र 32 वर्ष के रूप में हुई है।