दिल्ली (Delhi)। दिल्ली क्राईम ब्रांच एंटी रोब्बरी एंड स्नेचिंग सेल शकरपुर की टीम ने सेक्सटॉर्शन गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग के लोगों ने फेसबुक पर लड़कियों के नाम से प्रोफाइल बना रखी थी। उस प्रोफाइल से फेसबुक पर लड़कों से दोस्ती करते थे। इसके बाद लड़की बनकर उनसे गंदी गंदी बातें किया करते थे। बातचीत के दौरान यह एक अन्य मोबाइल से लड़की का अश्लील वीडियो चलाकर सामने वाले को कपड़े उतारने के लिए उकसाते थे। पीड़ित जैसे ही कपड़े उतारकर अश्लील हरकत करता था, यह वीडियो बना लेते थे और फिर वीडियो को सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर मोटी रकम ऐंठते थे। आरोपी यू ट्यूब के अधिकारी बनकर उगाही करते थे। यह गैंग बड़े ही शातिराना अंदाज में लोगों को अपना शिकार बना रहा था। इस गैंग का मास्टरमाइंड नासिर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। बाकि छह आरोपी फरार थे जिन्हे हरियाणा के पुन्हाना क्रॉसिंग, होडल से काफी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया है। फरार आरोपियों पर बीस बीस हजार रूपये का ईनाम था।
अक्टूबर 2021 में पीड़ित के पास फेसबुक मैसेंजर पर एक पूजा नामकी लड़की का मैसेज आता है। पीड़ित लड़की को नहीं जानता था फिर भी हैल्लो पूजा करके रिप्लाई कर दिया। लड़की ने भी हाई यू आर सो क्यूट करके रिप्लाई कर दिया। अपने आपको क्यूट सुनकर पीड़ित ने भी ओ रियली थैंक्स लिखकर अपनी खुशी जाहिर की। लड़की ने मोस्ट वैलकम लिखने के बाद सीधे पीड़ित से उसका व्हाट्सएप्प नंबर मांग लिया। पीड़ित ने खुशी खुशी अपना व्हाट्सएप्प नंबर अनजान लड़की को दे दिया था। उसके बाद वो अनजान लड़की फेसबुक से ऑफलाइन हो गई।
देर रात पीड़ित के व्हाट्सएप्प नंबर पर उसी अनजान लड़की का काॅल आता है।
व्हाट्सएप्प काॅलिंग पर अनजान लड़की गंदी गंदी बाते करके पीड़ित को कपड़े उतारने के लिए उकसाने लगी। पीड़ित लड़की की बातों के जाल में फस गया और अपने कपड़े उतारकर अनजान लड़की के कहे अनुसार गंदी गंदी हरकतें करने लगा।
अगले दिन पीड़ित के पास उस अनजान लड़की का व्हाट्सएप्प मैसेज आया जिसमें लिखा था कि यह विडियों आपकी पूरी फेसबुक फ्रैंडस और फैमली को सेन्ड कर दूंगी। मैसेज के साथ एक विडियों लिंक था पीड़ित ने जब उस विडियों को चलाया तो उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई। पीड़ित ने तुरन्त उस अनजान लड़की को काॅल किया।
उसके पास लगातार पीड़ित के पास यू ट्यूब अधिकारी बनकर अलग अलग नंबरों से काॅल आने लगी।
दरअसल यह फर्जी एकाउंट था। बदमाशों ने लड़की के नाम पर पीड़ित की अश्लील वीडियो बना ली थी। इसके बाद पीड़ित को ब्लैकमेल करने लगे।
आरोपियों ने खुद को यू ट्यूब का अधिकारी बताकर लड़की के शोषण करने का आरोप लगाया। इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित से मोटी रकम मांगी। रुपये न देने पर अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगे। डर से पीड़ित ने कई बार में लगभग चार लाख रुपये आरोपियों के बताये बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिये। पीड़ित के पैसे देने के बाद भी आरोपी पीड़ित को ओर पैसे के लिए ब्लैकमेल करने लगे।
क्राईम ब्रांच डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि आरोपियों द्वारा बार बार ब्लैकमेल करने पर पीड़ित ने अक्टूबर 2021 में आरोपियों की शिकायत क्राईम ब्रांच में कर दी। पीड़ित की शिकायत पर थाना क्राईम ब्रांच में धारा 386/507/120बी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
क्राईम ब्रांच डीसीपी रोहित मीणा ने सेक्सटॉर्शन गैंग का पर्दाफाश कर आरोपियों को दबोचने के लिए अरविन्द कुमार, एसीपी क्राईम ब्रांच एंटी रोब्बरी एंड स्नेचिंग सेल शकरपुर की सुपरविजन व मंगेश त्यागी इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एसआई रॉबिन त्यागी, हेड कांस्टेबल संजीव कुमार, रामदास, मिंटू यादव और प्रेमपाल की एक क्रेक टीम का गठन किया।
पीड़ित ने अपनी शिकायत में किसी का नाम नहीं लिया था। इसलिए इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी की टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती सबसे पहले ब्लैकमेलरों की पहचान करना था।
जाँच टीम ने आरोपियों द्वारा बनाई गई फेक फेसबुक पूजा नामक आईडी की टेक्निकल डिटेल की जानकारी के लिए दिल्ली पुलिस की अथोराईज ईमेल से फेसबुक को मेल किया।
फेसबुक से मिली जानकारी और टेक्निकल सर्विलांस की जांच से पता चला है कि आरोपी 100 से अधिक मोबाइल और फर्जी पतो पर लिए गए 1000 से अधिक सिमकार्ड का इस्तेमाल करते थे। सभी नंबर उत्तर पूर्वी राज्यों, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और दूसरी जगहों से जारी किए गए नंबर हैं।
जाँच के दौरान सबसे चैकाने वाली बात सामने आई पीड़ित को ब्लैकमेल करने वाली पूजा कोई लड़की नहीं बल्कि लड़कों का एक गैंग था।
इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी की टीम को जांच के दौरान यह भी पता चला कि ठगी व जबरन उगाही का सारा गोरखधंधा भरतपुर व आसपास के इलाकों से चल रहा था।
साथ ही इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी की टीम ने देखा की आरोपी ने पीड़ित को ब्लैकमेल करके चार लाख रुपए कई अलग अलग बैंक खातें और मोबाइल यूपीआई में मंगवाए थे। बैंक अकाउंट और मोबाइल यूपीआई की जाँच से इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी की टीम को पता चला की आरोपियों के ज्यादातर बैंक खाते भरतपुर में हैं। क्राइम में इस्तेमाल बैंक अकाउंट की मदद से पुलिस अकॉउंट होल्डरों तक पहुंचने में कामयाब हो गई।
इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी की टीम ने आरोपियों के बैंकों से संपर्क कर बैंक खातों की डिटेल निकलवाई और अलर्ट पर डलवाया ताकि आरोपियों द्वारा किसी भी एटीएम और ब्रांच से पैसे निकालने पर उनकी लोकेशन पता चल सके। बैंक खाता डिटेल से जांच टीम को पता चला की आरोपी भरतपुर और आसपास के एटीएम से ही पैसे निकालते हैं।
आरोपियों को दबोचने के लिए इस्पेक्टर मंगेश त्यागी की टीम ने भरतपुर मे डेरा डाल लिया। एक दो दिन बाद 22 अक्टूबर 2021 को आरोपियों ने जैसे ही भरतपुर के एक एटीएम से पैसे निकाले एक अलर्ट जांच टीम के पास पहुंच गया। जांच टीम ने बड़ी तेजी के साथ कार्यवाही करते हुए आरोपियों द्वारा पैसे निकालने वाले एटीएम को चारों ओर से घेर लिया। जांच टीम को मौके से नासिर नामका एक सस्पेक्ट मिला। सख्ती से पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला की नासिर ही सेक्सटॉर्शन गैंग का मास्टरमांइड है। उसके एक खाते से 2 लाख 39 हजार रुपये, तीन माह पूर्व खरीदी गई एक नई बोलेरो गाड़ी व अन्य सामान बरामद हुआ। आरोपी ने पीड़ित से ठगी की बात कबूल कर ली। वह पहले खुद ट्रक ड्राइवर था। करीब दो साल से वह इसी तरह ठगी कर मोटी कमाई कर रहा था।
पुलिस की पूछताछ में नासिर ने बताया था कि उसके गांव में ज्यादातर लोगों का धंधा साइबर ठगी है। कोई फर्जी पतो पर देशभर के अलग अलग राज्यों के जारी किए गए सिमकार्ड दिलवाता था। इसके अलावा कुछ लोगों ने देशभर के अलग अलग राज्यों में फर्जी पतो पर बैंक अकाउंट खुलवाए हुए थे। ठगी की रकम इन बैंक में पहुंचा दी जाती थी। बैंक का काम करने वाले 15 से 20 फीसदी अपना कमिशन रखकर बाकी रकम ठगी करने वाले गैंग को दे देता था। अपराध शाखा की टीम ने नासिर से पूछताछ के बाद कुछ लोगों की पहचान कर ली थी।
सेक्सटॉर्शन गैंग के मास्टरमांइड नासिर की गिरफ्तारी से गैंग के अन्य लोग अंडरग्रांउड हो गये थे।
इस्पेक्टर मंगेश त्यागी की टीम गैंग के बाकी सदस्यों को दबोचने के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। फरार आरोपियों को दबोचने के लिए टीम ने टेक्निकल सर्विलांस के साथ साथ मुखबिरों का जाल बिछा दिया। एक टीम सोशल मिडिया पर सेम मोडस ऑपरेंडी से एक्टीव लोगों पर नजर रखे हुए थी। इसी दौरान गैंग के फरार सभी आरोपियों पर क्राईम ब्रांच ने बीस बीस हजार रूपये का ईनाम की घोषणा कर दी।
आखिकर नौ महिनों की कड़ी मेहनत के बाद टीम के हाथ सफलता लग ही गई। दिनांक चार मई 2022 को टीम के हैड कांस्टेबल संजीव कुमार को अपने विश्वासनीय सूत्रों से इनपुट मिला कि सेक्सटॉर्शन गैंग के वांडेट और ईनामी मेवात निवासी दो आरोपी आरिफ और अरशद अपने किसी परिचित से मिलने पुन्हाना क्रॉसिंग, होडल हरियाणा में आने वाले हैं।
इस्पेक्टर मंगेश त्यागी की टीम ने आरोपियों को दबोचने के लिए पुन्हाना क्रॉसिंग, होडल पर अपना जाल बिछा दिया। दोपहर लगभग 11 बजकर तीस मिनट पर दो सस्पेक्ट बाईक पर आते हुए दिखाई दिए। पुलिस टीम को देखकर बाईक सवारों ने यूटर्न लेकर भागने की कोशिश की लेकिन क्राईम ब्रांच की टीम ने दौड़कर दोनों आरोपियों को दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आरिफ और अरशद के रूप में हुई।
गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर टीम ने चार ओर आरोपियों फरीद, आस मोहम्मद उर्फ आशु खान, शाकिर और मुफीद को भी दबोच लिया।
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि नगर, भरतपुर, राजस्थान से काफी लोग ठगी व ऑनलाइन फ्रॉड में लगे हुए हैं। नासिर ने अपने पिता भाई के साथ इस गैंग को बनाया था। आरोपी लड़की के नाम पर फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर फेसबुक, व्हाट्सएप या दूसरी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लोगों के पास फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेजते थे। इन फर्जी अकाउंट पर किसी सुंदर सी लड़की का फोटो लगा दिया जाता था। लोग लड़की का फोटो देखकर उनके जाल में फस जाते थे।
नासिर लड़की बनकर खुद ही चैट करता था। बातचीत के दौरान यह एक अन्य मोबाइल से लड़की का अश्लील वीडियो चलाकर सामने वाले को कपड़े उतारने के लिए उकसाते थे। पीड़ित जैसे ही कपड़े उतारकर अश्लील हरकत करता था, यह वीडियो बना लेते थे। चैट खत्म होने के 10 से 15 मिनट के बाद पीड़ित के मोबाइल पर कॉल कर ये लोग खुद को यू ट्यूब के अधिकारी, अपराध शाखा, साइबर सेल व दूसरी एजेंसी का बताकर उगाही करते थे।
गिरफ्तार 35 वर्षीय आरोपी आरिफ पुत्र गबरू खान ठगे गए पैसे निकालने के लिए फर्जी बैंक खाते और एटीएम कार्ड की व्यवस्था करता था। यह निर्दोष लोगों से रंगदारी वसूलने वाले धोखेबाजों को एटीएम से ठगी के पैसे निकालकर देता था। अपराध करने में प्रयुक्त एक बैंक खाता इसके द्वारा उपलब्ध कराया गया था।
दूसरा आरोपी 31 वर्षीय अरशद पुत्र मोरमल आरिफ का साथी था। यह भी ठगी के पैसे निकालने के लिए फर्जी बैंक खाते और एटीएम कार्ड की व्यवस्था करता था। अपराध करने में प्रयुक्त एक बैंक खाता इसके द्वारा भी उपलब्ध कराया गया था।
तीसरा आरोपी 30 वर्षीय फरीद पुत्र इशाक यूट्यूब अधिकारी, साइबर अपराध अधिकारी और अपराध शाखा अधिकारी बनकर पीड़ितों को कॉल करता था । यह बेगुनाहों को झूठे मुकदमों में फंसाने और उनका वीडियो वायरल करने की धमकी देता था।
चौथा आरोपी 60 वर्षीय आस मोहम्मद उर्फ आशु खान अपराध में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोनों की व्यवस्था करता था । इसने अपने बेटों नासिर और शाकिर को भी जबरन वसूली के धंधे में जोड़ लिया था।
पांचवा आरोपी 22 वर्षीय शाकिर पुत्र आस मोहम्मद अश्लील वीडियो बनाने में शामिल था। साथ ही यह फेसबुक आईडी हैक करने में माहिर है।
गिरफ्तार छठा आरोपी 28 वर्षीय मुफीद पुत्र ढांडू गैंग के अन्य सदस्यों को असम और ओडिशा आदि के फर्जी आईडी सिम कार्ड प्रदान करता था।
सभी आरोपी भरतपुर, राजस्थान के रहने वाले हैं।