संवाददाता उमेश कुमार
भारत में लागू किए जा रहे नए लेबर कोड्स के तहत केंद्र सरकार ने कई बड़े-बड़े सुधारों को अंतिम रूप दिया है। Wages, Industrial Relations, Social Security और Workplace Safety — इन चारों क्षेत्रों को कवर करने वाले सुधार कर्मचारियों, उद्योग जगत और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए नए दौर की शुरुआत हैं।
नीचे दिए गए बदलाव वही हैं, जो आप द्वारा भेजी गई इमेज में उल्लेखित हैं, और अब आपके आर्टिकल में सुगठित रूप में जोड़ दिए गए हैं:
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📌 एक नज़र में — प्रमुख लेबर लॉ बदलाव
रिफॉर्म क्या बदल रहा है
फिक्स्ड-टर्म एम्प्लॉयीज़ के लिए ग्रेच्युटी ग्रेच्युटी पात्रता 5 साल से घटाकर 1 साल कर दी गई है।
आसान पेड लीव पात्रता पहले 240 दिन की शर्त थी—अब केवल 180 दिन काम करना ही पर्याप्त।
वर्किंग आवर्स और ओवरटाइम फ्लेक्सिबिलिटी 8 घंटे का दिन और 48 घंटे का सप्ताह रहेगा; फ्लेक्सिबल 4/5/6-डे वीक की अनुमति; ओवरटाइम का भुगतान दोगुना (2x) होगा।
सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन यूनिवर्सल मिनिमम वेज लागू होगा, ताकि सेक्टर या लोकेशन फर्क न डाल सके।
टेक-होम पे एडजस्टमेंट्स नए PF/ग्रेच्युटी/वेतन कंपोनेंट्स के कारण टेक-होम वेतन में बदलाव आ सकते हैं।
अविवाहित आश्रितों को कवरेज कर्मचारी की मृत्यु पर अविवाहित बेटियों/बहनों को भी आश्रित लाभ मिलेगा; इससे सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी।
विस्तारित ESIC कवरेज ESI अब सभी क्षेत्रों पर लागू: प्लांट, फैक्ट्री, दुकानें, मीडिया, पत्रकार, डिजिटल कंटेंट वर्कर्स आदि सभी को कवर करेगा।
कम्यूट एक्सीडेंट शामिल घर-से-काम या काम-से-घर यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटनाएँ Workplace Accident मानी जाएँगी।
मीडिया और डिजिटल वर्कर्स के लिए सुरक्षा पत्रकारों, OTT वर्कर्स, क्रिएटर्स, आदि को भी फॉर्मल कॉन्ट्रैक्ट्स और सुरक्षा प्रावधानों में शामिल किया गया है।
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🟦 यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण हैं?
✔ ग्रेच्युटी जैसी सुविधाएँ अब लंबे इंतज़ार पर नहीं, केवल एक साल में
✔ ESIC का कवरेज अब ऑफ़िस, फैक्ट्री, दुकान और मीडिया — सभी तक
✔ वर्किंग आवर्स आधुनिक मॉडल के मुताबिक
✔ डिजिटल वर्कर्स व पत्रकार पहली बार सुरक्षा के दायरे में
✔ यात्रा दुर्घटनाएँ भी अब सरकारी सुरक्षा दायरे में
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🟧 कर्मचारियों को बड़े फायदे
न्यूनतम वेतन पूरे देश में लागू
ओवरटाइम का दोगुना भुगतान
कम्यूट एक्सीडेंट भी लाभकारी
अविवाहित आश्रितों को वित्तीय सुरक्षा
डिजिटल हेल्थ, PF, ESIC सब एकीकृत
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🟨 कंपनियों के लिए भी बड़ा सुधार
एकीकृत अनुपालन
डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन
आधुनिक शिफ्ट मॉडल
HR नीतियों में स्पष्टता
सुरक्षा मानकों में एकरूपता
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⚡ निष्कर्ष
नए लेबर कोड भारत के कामकाजी ढांचे में सबसे व्यापक बदलाव ला रहे हैं। यह आधुनिक अर्थव्यवस्था और डिजिटल युग की ज़रूरतों के अनुसार पूरी तरह नया रोजगार मॉडल तैयार कर रहा है।

