भारत में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार: कानूनी सुधार और समावेशी विकास (2025)

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भारत ने हाल के वर्षों में ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर सुधार किए हैं। Transgender Persons (Protection of Rights) Act, 2019 और Rules, 2020 ने देश में समानता, गरिमा और गैर-भेदभाव की आधारशिला रखी। यह SEO-friendly लेख भारत में ट्रांसजेंडर अधिकारों, सरकारी योजनाओं, कानूनी संरक्षण और 2025 तक हुई प्रगति को विस्तार से समझाता है। ट्रांसजेंडर समुदाय की जनसंख्या और कानूनी मान्यता जनगणना 2011 के अनुसार, लगभग 4.87 लाख लोगों ने “अन्य” (Other) लिंग चुना। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले NALSA बनाम भारत संघ (2014) ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को “तीसरे लिंग” के रूप में मान्यता दी, और लिंग-स्व-पहचान (Self-Identification) के अधिकार को संवैधानिक संरक्षण दिया। 🔹 1. संवैधानिक अधिकार (Constitutional Rights for Transgender Persons) ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भारतीय संविधान के तहत निम्न अधिकार प्राप्त हैं— अनुच्छेद 14: कानून के समक्ष समानता अनुच्छेद 15–16: लिंग आधारित भेदभाव पर रोक अनुच्छेद 19: अभिव्यक्ति और स्वतंत्रता अनुच्छेद 21: गरिमा के साथ जीवन का अधिकार इन अधिकारों ने भारत में ट्रांसजेंडर अधिकारों को मजबूत कानूनी सुरक्षा प्रदान की है। 🔹 2. Transgender Persons (Protection of Rights) Act, 2019 10 जनवरी 2020 से लागू हुआ यह कानून ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कानूनी पहचान, सुरक्षा और कल्याण के लिए बनाया गया है। मुख्य विशेषताएँ (Key Provisions) समावेशी परिभाषा: ट्रांस-मैन, ट्रांस-वुमन, इंटरसेक्स, हिजड़ा, जेंडर-क्वियर आदि। भेदभाव पर रोक: शिक्षा, रोजगार, आवास, स्वास्थ्य, यात्रा और सार्वजनिक स्थलों पर। पहचान प्रमाणपत्र: जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से ऑनलाइन प्रमाणपत्र और कार्ड। कल्याणकारी उपाय: शिक्षा, कौशल विकास, पुनर्वास, स्वास्थ्य सहायता। दंडात्मक प्रावधान: अपराधों पर 2 साल तक कैद और जुर्माना। यह कानून SEO टॉपिक Transgender Rights in India के लिए प्रमुख आधार है। 🔹 3. Rules, 2020: ट्रांसजेंडर सुरक्षा और कल्याण का क्रियान्वयन Rules, 2020 के तहत— 20 राज्यों/UT में ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन सेल्स 25 राज्यों/UT में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड्स (TWB) शिकायत निवारण, FIR, अपराधों की निगरानी और जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य किए गए। 🔹 4. National Council for Transgender Persons 21 अगस्त 2020 को स्थापित यह परिषद— सरकारी नीतियों पर सलाह देती है कार्यक्रमों की निगरानी करती है राज्यों और मंत्रालयों के बीच समन्वय करती है शिकायतों का समाधान करती है यह परिषद ट्रांसजेंडर अधिकारों को संस्थागत समर्थन प्रदान करती है। 🔹 5. SMILE Scheme (2022): ट्रांसजेंडर कल्याण की प्रमुख योजना Support for Marginalised Individuals for Livelihood and Enterprise (SMILE) भारत की सबसे व्यापक ट्रांसजेंडर कल्याण योजना है। मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति स्वास्थ्य सुविधाएँ और Gender-Affirming Care Ayushman Bharat TG Plus के तहत ₹5 लाख स्वास्थ्य बीमा पुनर्वास और परामर्श सेवाएँ Garima Greh (Shelter Homes) 21 सक्रिय गरिमा गृह 3 नए केंद्र स्वीकृत भोजन, रहने की सुविधा, चिकित्सा सहायता और कौशल प्रशिक्षण 🔹 6. National Portal for Transgender Persons (2020) यह डिजिटल पोर्टल ट्रांसजेंडर समुदाय को— पहचान प्रमाणपत्र ID कार्ड सरकारी योजनाओं तक पहुँच पूरी तरह ऑनलाइन, पारदर्शी और बहुभाषी प्रक्रिया के माध्यम से उपलब्ध कराता है। निष्कर्ष: भारत में ट्रांसजेंडर अधिकारों की नई दिशा भारत ने 2019 से 2025 के बीच ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों, समावेशन और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। कानूनी सुधार, SMILE योजना, गरिमा गृह और डिजिटल पोर्टल ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के जीवन को अधिक सुरक्षित, सम्मानजनक और अवसरपूर्ण बनाया है। एक समावेशी भारत तभी संभव है जब प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को समान अधिकार, गरिमा और अवसर प्राप्त हों।
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