मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती नदी के पुनर्जीवन के लिए ऐतिहासिक पहल की
10/12/2025
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर गोमती तट की स्वच्छता को लेकर टेरिटोरियल आर्मी के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने 'गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन' की घोषणा की, जो गोमती नदी के जल को स्वच्छ, अविरल और निर्मल बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमती नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। पीलीभीत से गाजीपुर तक फैली गोमती नदी का पुनर्जीवन सिर्फ जल शुद्धिकरण तक सीमित नहीं होगा, बल्कि यह हमारी संस्कृति और पर्यावरण को पुनर्संवर्धित करने की दिशा में एक व्यापक अभियान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह मिशन भविष्य पीढ़ियों के प्रति हमारी साझा जिम्मेदारी का प्रतीक बनेगा।
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यह मिशन सिर्फ एक प्रशासनिक परियोजना नहीं है, बल्कि यह एक जन आंदोलन होगा, जिसमें समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि गोमती में एक बूंद भी सीवरेज का पानी न गिरे और इसके लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियों का निर्माण किया जाए।
इसके साथ ही, गोमती नदी के किनारे अवैध बस्तियों में घुसपैठियों की पहचान कर विधिसम्मत कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया, ताकि नदी के तट पर स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री ने 'गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन' के तहत लखनऊ में नए वेटलैंड जैसे इकाना वेटलैंड और साजन झील विकसित करने की योजना की घोषणा की। साथ ही, नदी के किनारे के अवैध अतिक्रमणों को हटाने, घाटों का सौंदर्यीकरण और तटीय हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने की बात भी कही। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध भी लागू किया जाएगा, क्योंकि यह प्रदूषण बढ़ाने और सीवर सिस्टम को चोक करने का बड़ा कारण बनता है।
इस मिशन के लिए गठित गोमती टास्क फोर्स द्वारा अब तक नदी तटों पर पैदल और नौका गश्त, जलकुम्भी की सफाई और प्रदूषण स्रोतों की पहचान के कार्य किए गए हैं। साथ ही, 100 से अधिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से 70,000 से अधिक नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
मुख्यमंत्री ने इस मिशन को सफल बनाने के लिए जनसहभागिता और पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस मिशन के लिए आवश्यक संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी और यह मिशन केवल सरकार द्वारा संचालित नहीं होगा, बल्कि जनता की सहभागिता से एक संकल्प यात्रा बनेगा।
मुख्यमंत्री के अनुसार, गोमती नदी का स्वच्छ, अविरल और निर्मल रूप में पुनः उद्भव समाज और शासन के साथ कदम बढ़ाने से ही संभव होगा।
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