अनंगपुर पर बुलडोज़र नहीं, इतिहास को बचाने की ज़रूरत है: भाकियू (अजगर) (No bulldozer on Anangpur, history needs to be saved: Bhakiyu (Ajgar))
7/10/2025
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"यह केवल जमीन की नहीं, बल्कि पहचान और परंपरा की लड़ाई है" – पं. सचिन शर्मा
फरीदाबाद/अनंगपुर:
अरावली की गोद में बसा अनंगपुर ग्राम इन दिनों सत्ता और सिस्टम के बुलडोज़र तले कुचला जा रहा है। लेकिन अब इस लड़ाई में अनंगपुर के ग्रामीण अकेले नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन (अजगर) ने इस कार्रवाई के विरोध में मोर्चा खोलते हुए इसे "इतिहास पर हमला" करार दिया है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सचिन शर्मा ने बयान जारी कर कहा:
> “अनंगपुर कोई साधारण गांव नहीं, बल्कि भारत के संघर्षशील इतिहास का हिस्सा है। यहां के लोगों ने मुगल आक्रांताओं से लेकर अंग्रेज़ी हुकूमत तक के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। आज उसी धरती पर बुलडोज़र चलाकर न्याय की बजाय अन्याय का परचम लहराया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग अगर वास्तव में ईमानदार है, तो पहले उन भूमाफियाओं पर कार्रवाई करे जिन्होंने हजारों बीघा वन भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है।
> “सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की आड़ में ऐतिहासिक बस्तियों को मिटाना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। भाकियू (अजगर) यह कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।”
“जल, जंगल और जमीन” की लड़ाई – अब आर-पार की लड़ाई
संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि यह केवल ज़मीन बचाने की नहीं, बल्कि गांव, गौरव और गुज़रे इतिहास को बचाने की लड़ाई है। अगर जरूरत पड़ी तो आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाया जाएगा।
इस अवसर पर संगठन के कई प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे:
राष्ट्रीय महासचिव शर्मा यादव, नीटू उर्फ प्रवीण, निशांत भड़ाना, रमेश चंद दीवान, राजेश उपाध्याय, विकास विधूड़ी, संजय, जितेंद्र सिंह, राहुल शर्मा, लोकेश यादव, शुभम अरुण, उधम सिंह, मोना जोंटी, सुखपाल फौजी, नीरज भाटी, गजब भाटी, देवेंद्र कश्यप समेत सैकड़ों ग्रामीण व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
“हम डरेंगे नहीं, हटेंगे नहीं – अनंगपुर को उजड़ने नहीं देंगे”
भारतीय किसान यूनियन (अजगर) ने एलान किया है कि वह हर हाल में अनंगपुर के ग्रामीणों के साथ खड़ी है। यह आंदोलन अब थमेगा नहीं – जब तक अन्याय रुकेगा नहीं।
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