NITI आयोग ने 'मध्यम उद्यमों के लिए नीति निर्माण' पर रिपोर्ट जारी की: विकासशील भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम (NITI Aayog releases report on 'Policy Formulation for Medium Enterprises': A vital step towards developing India)
5/26/2025
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नई दिल्ली, 26 मई 2025: NITI आयोग ने आज 'मध्यम उद्यमों के लिए नीति निर्माण' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत के आर्थिक विकास में इन उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका और उनकी क्षमता को उजागर किया गया है।
🏭 MSME क्षेत्र की संरचनात्मक असंतुलन
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के MSME क्षेत्र में 97% सूक्ष्म, 2.7% लघु और केवल 0.3% मध्यम उद्यम हैं। हालांकि ये 0.3% उद्यम MSME निर्यात का लगभग 40% योगदान करते हैं, जो उनकी अपार क्षमता को दर्शाता है। यह असंतुलन 'मिसिंग मिडिल' की समस्या को उजागर करता है, जो मध्यम उद्यमों के विकास में एक प्रमुख बाधा है।
📊 प्रमुख सिफारिशें
वित्तीय समाधान: उद्यमों के टर्नओवर से जुड़े कार्यशील पूंजी वित्तपोषण योजनाओं की शुरुआत, ₹5 करोड़ तक के क्रेडिट कार्ड की सुविधा और MSME मंत्रालय द्वारा खुदरा बैंकों के माध्यम से त्वरित निधि वितरण।
प्रौद्योगिकी एकीकरण और उद्योग 4.0: मौजूदा प्रौद्योगिकी केंद्रों को क्षेत्र-विशिष्ट और क्षेत्रीय रूप से अनुकूलित 'India SME 4.0' केंद्रों में अपग्रेड करना।
अनुसंधान एवं विकास (R&D): MSME मंत्रालय में एक समर्पित R&D सेल की स्थापना, जो 'आत्मनिर्भर भारत' कोष का उपयोग करके राष्ट्रीय महत्व की क्लस्टर-आधारित परियोजनाओं को बढ़ावा देगा।
क्लस्टर-आधारित परीक्षण अवसंरचना: क्षेत्र-विशिष्ट परीक्षण और प्रमाणन सुविधाओं का विकास, जिससे अनुपालन में आसानी और उत्पाद गुणवत्ता में सुधार होगा।
कस्टम कौशल विकास: क्षेत्र और उद्यम-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार कौशल विकास कार्यक्रमों का संरेखण और मौजूदा उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रमों में मध्यम उद्यम-केंद्रित मॉड्यूल का एकीकरण।
केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल: उद्यामी प्लेटफ़ॉर्म के भीतर एक समर्पित उप-पोर्टल का निर्माण, जिसमें योजना खोज उपकरण, अनुपालन समर्थन और AI-आधारित सहायता होगी, जिससे उद्यमों को संसाधनों को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने में मदद मिलेगी।
🌱 समावेशी नीति डिजाइन की आवश्यकता
रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि मध्यम उद्यमों की क्षमता को अनलॉक करने के लिए समावेशी नीति डिजाइन और सहयोगात्मक शासन की आवश्यकता है। वित्त, प्रौद्योगिकी, अवसंरचना, कौशल विकास और सूचना पहुंच में रणनीतिक समर्थन के साथ, मध्यम उद्यम नवाचार, रोजगार और निर्यात वृद्धि के प्रेरक के रूप में उभर सकते हैं। यह परिवर्तन 'विकसित भारत @2047' के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण है।
इस रिपोर्ट का विमोचन NITI आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने किया, जिसमें डॉ. वी.के. सरस्वत और डॉ. अरविंद वीरमणि भी उपस्थित थे।
यह नीति भारत के मध्यम उद्यमों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है, जो उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती से खड़ा करेगी।
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