विधायक नंदकिशोर गुर्जर और रेहड़ी पटरी/साप्ताहिक बाजार वालों की मुहिम का हुआ असर, नहीं होगी बाजार बन्दी, चीफ सेक्रेटरी ने कहा बाजार हटाने का पुलिस को नहीं है अधिकार( The campaign of MLA Nand Kishore Gurjar and street vendors/weekly market people had an impact, the market will not be closed, the Chief Secretary said that the police does not have the right to remove the market)
2/08/2025
0
गाजियाबाद। जनपद में रेहड़ी-पटरी और सप्ताहिक पैठ बाजार लगाने पर जनपद पुलिस द्वारा रोक लगाए जाने के विरोध में प्रभावित लोगों के साथ लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के विरोध प्रदर्शन की खबर लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई। आनन-फानन में चीफ सेक्रेटरी ने साफ किया कि पुलिस आयुक्त को बाजार हटाने का कोई अधिकार नहीं है यह काम नगर निगम और टाऊन वेंडिंग कमेटी का है। जबतक कोई अन्य जगह तय नहीं हो जाता बाजार यथावत लगेंगे। वहीं चीफ सेक्रेटरी के बयान के बाद एक सप्ताह से रेहड़ी पटरी और साप्ताहिक बाजार लगाने वालों के रोजगार पर मंडरा रहे संकट का पटाक्षेप हो गया जिसमें महत्वपूर्ण भूमिका लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने निभाई।
लोनी विधायक शनिवार को भी नंगे पांव और बिना अन्न ग्रहण करें क्षेत्र में घूमते रहें। विधायक ने चीफ सेक्रेटरी के बयान के बाद विधायक कार्यालय पर हजारों की संख्या में आभार जताने म पहुंचे रेहड़ी-पटरी और पैठ बाजार लगाने वाले दुकानदारों के साथ अन्न ग्रहण किया। इस दौरान प्रभावित विधायक के लिए घर से रोटी, अचार और शब्जी बनाकर लाये थे। वहीं गाजियाबाद पहुंचने पर गाजियाबाद के दुकानदारों ने विधायक नंदकिशोर गुर्जर के पैरों पर फूल डालकर, पगड़ी पहनाकर धन्यवाद किया। इस दौरान *विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भावुक होकर कहा यह सब आपने संघर्ष और आशीर्वाद अब संभव हुआ है मैंने सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाई है। मुख्यमंत्री ने विषय का तत्काल संज्ञान लिया इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूँ। हमने आज तक का अल्टीमेटम दिया था।
फैसला वापिस लेने का वो प्रभावित लोगों की एकता के बल पर संभव हुआ है तुगलकी फरमान वापिस हुआ है। चीफ सेक्रेटरी ने स्वंय माना है कि पुलिस आयुक्त को अधिकार नहीं है यानी वो दोषी है उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है। अगर चीफ सेक्रेटरी ईमानदारी से इस बात को कह रहे है तो पुलिस आयुक्त को तुरंत निलंबित किया जाए क्योंकि पुलिस आयुक्त ने न केवल सरकार की किरकिरी कराई है बल्कि दिल्ली चुनाव को प्रभावित करने, भाजपा को खत्म करने और ऑनलाइन कंपनी से सांठगांठ कर यह फैसला लिया था। अनुशासनहीनता और अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले इस ओपन शट केस अगर पुलिस आयुक्त को निलंबित नहीं किया जाता है तो समझा जाएगा कि इसमें चीफ सेक्रेटरी की भी भूमिका संदिग्ध थी।*
Tags
अन्य ऐप में शेयर करें