55 दवाएं टेस्ट में फेल, Diabetes और BP के मरीजों पर खतरा(55 medicines fail the test, risk to diabetes and BP patients)
2/21/2025
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दिल्ली। भारत के ड्रग नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने हाल ही में किए गए दवाओं के गुणवत्ता परीक्षण में 55 से अधिक दवाओं को अस्वीकार्य करार दिया है। इन दवाओं में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, एंटीबायोटिक्स और विटामिन सप्लीमेंट्स जैसी महत्वपूर्ण दवाएं शामिल हैं। यह रिपोर्ट चिंता का विषय है क्योंकि ये दवाएं लाखों मरीजों द्वारा रोज़ाना ली जाती हैं।
खतरनाक दवाएं जो फेल हुईं
CDSCO द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त और दिसंबर में किए गए गुणवत्ता परीक्षणों में 135 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इनमें हार्ट, शुगर, किडनी, बी.पी. और एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं। इनमें से कई दवाएं पहले से ही भारतीय बाज़ार में लोकप्रिय हैं और मरीज आंख बंद करके इनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
इन दवाओं को मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया:
पैरासिटामोल 500mg - बुखार और दर्द के इलाज में प्रयुक्त
मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड SR 500mg - डायबिटीज के मरीजों के लिए
अमोक्सिसिलिन और पोटैशियम क्लेवुलानेट - बैक्टीरियल संक्रमण की दवा
पैंटोप्राजोल और डोमपेरिडोन कैप्सूल्स (पैन-डी) - एसिडिटी और गैस की दवा
विटामिन डी3 सप्लीमेंट (शेलकाल 500) - हड्डियों की मजबूती के लिए
बीटा हिस्टाइन टैबलेट्स - माइग्रेन और चक्कर की समस्या के लिए
टेल्मीसार्टन टैबलेट्स - हाई ब्लड प्रेशर की दवा
डाइक्लोफेन टैबलेट्स - दर्द निवारक दवा
दवा कंपनियां जांच के दायरे में
इन दवाओं को बनाने वाली बड़ी कंपनियों में हेटेरो ड्रग्स, अल्केम लेबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (HAL), कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर शामिल हैं। कुछ कंपनियों ने दावा किया है कि बाज़ार में उनकी दवाओं के नकली वर्जन मौजूद हैं, जिससे यह खराब गुणवत्ता की समस्या उत्पन्न हो रही है।
कैसे होती है दवाओं की गुणवत्ता जांच?
दवाओं की गुणवत्ता को परखने के लिए CDSCO की विशेषज्ञ टीम कई तरह के परीक्षण करती है। इसमें प्रमुख रूप से दवाओं के निम्नलिखित पहलुओं की जांच की जाती है:
सामग्री (Composition) और प्रभावशीलता (Efficacy) की जाँच
लेबलिंग और एक्सपायरी डेट की जाँच
नकली दवाओं की पहचान
क्लीनिकल ट्रायल डेटा का विश्लेषण
क्या करें मरीज?
दवा खरीदते समय ब्रांड और बैच नंबर अवश्य देखें।
अपने डॉक्टर से सलाह लें कि क्या उनकी बताई गई दवा फेल हुई सूची में शामिल है।
जन औषधि केंद्र या सरकारी मेडिकल स्टोर से प्रमाणित दवाएं ही खरीदें।
नकली दवाओं के बारे में जागरूक रहें और संदिग्ध दवा के मामले में तुरंत फार्मासिस्ट या डॉक्टर से संपर्क करें।
सरकार की कार्रवाई
सरकार पहले ही 300 से अधिक दवाओं पर प्रतिबंध लगा चुकी है और अब इन 135 दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। दवा निर्माताओं के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
यदि आप इन दवाओं में से किसी का सेवन कर रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। नकली और घटिया दवाओं का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, लेकिन सतर्कता बरतना भी हर व्यक्ति की ज़िम्मेदारी है।
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