केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह आज कोलकाता, पश्चिम बंगाल में मुख्य अतिथि के रूप में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती समारोह में शामिल हुए (Union Home Minister and Minister of Cooperation Amit Shah attended the birth anniversary celebrations of Gurudev Rabindranath Tagore as the chief guest in Kolkata, West Bengal, today)
5/09/2023
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162वीं रवींद्र जयंती उन लोगों के लिए एक बड़ा दिन है जो स्वतंत्र विचार और कला का सम्मान करते हैं, न केवल बंगाल या भारत में बल्कि दुनिया भर में
बंगाल । अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि 162वीं रवींद्र जयंती न केवल बंगाल या भारत में बल्कि पूरे विश्व में स्वतंत्र विचार और कला का सम्मान करने वाले लोगों के लिए एक बड़ा दिन है. उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे महान व्यक्तित्व की जयंती मना रहे हैं कि उनका वर्णन करने के लिए 'महामानव' जैसा शब्द भी कम पड़ जाता है. उन्होंने कहा कि कविगुरु सच्चे अर्थों में एक वैश्विक व्यक्तित्व थे और उन्होंने न केवल कला और भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर विभिन्न विषयों में योगदान दिया। श्री शाह ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर वास्तव में एक बहुआयामी व्यक्तित्व थे और उन्होंने जीवन भर कई क्षेत्रों में योगदान दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साहित्य में ऐसा कोई अनुशासन नहीं है जिसमें कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी छाप नहीं छोड़ी, वहीं उन्होंने नए आयाम भी गढ़े और विभिन्न क्षेत्रों को छुआ। उन्होंने कहा कि कविगुरु स्वतंत्रता आंदोलन के प्रत्येक नेता के प्रेरणा स्रोत थे। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्व में भारतीय कला की अभिव्यक्ति के सबसे बड़े माध्यम थे। वह नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय थे और दो देशों के राष्ट्रगान के लेखक होने के सम्मान का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। उन्होंने कहा कि कविगुरु ने कई क्षेत्रों में लोगों को प्रेरित किया। श्री शाह ने कहा कि शांति निकेतन की स्थापना कर कविगुरु ने शिक्षा को नया आयाम दिया और शिक्षा के क्षेत्र में अमिट योगदान दिया। उन्होंने कहा कि शांति निकेतन के माध्यम से गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने शिक्षा के उस रूप की स्थापना की जो छात्रों की क्षमताओं को असीम रूप से बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने समाज में ब्रह्म समाज और उपनिषदों के संदेश को फैलाने की दिशा में भी काम किया।
अमित शाह ने कहा कि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने दुनिया को भारत और उसकी आत्मा से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि कविगुरु का गुजरात और राज्य के साहित्य से भी गहरा नाता रहा है। अमित शाह ने कहा कि जहां गुरुदेव ने गांधीजी को महात्मा कहकर उनका सम्मान किया, वहीं गांधीजी ने भी उन्हें गुरुदेव कहा और इसी तरह उन्हें विश्व स्तर पर सम्मानित किया जाता है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर गुरुदेव के विचारों की छाप दिखाई देती है।
केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर और साहित्य एक दूसरे के पर्याय हैं। उन्होंने कहा कि कविगुरु ने जीवन भर साहित्य के हर क्षेत्र में रचनात्मक योगदान दिया। उन्होंने कहा कि गुरुदेव ने भी व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनाम मुक्ति के मुद्दों पर बहस में उत्साह से भाग लिया और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के यूरोपीय विचार को खारिज कर दिया। अमित शाह ने कहा कि कई लोग पहचानते हैं
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