दिल्ली। त्रिशूर में सीताराम स्वामी मंदिर के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा केरल और त्रिशूर के मेरे सभी भाई-बहनों को त्रिशूर पूरम पर्व की बहुत-बहुत बधाई। त्रिशूर को केरल की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। जहां संस्कृति है, वहां परंपराएं हैं, वहां कलाएं भी हैं। अध्यात्म भी है और दर्शन भी। त्योहार भी हैं और उल्लास भी है। मुझे खुशी है कि त्रिशूर इस विरासत और पहचान को जीवित रखे हुए है। सीता राम स्वामी मंदिर वर्षों से इस दिशा में एक गतिशील केंद्र के रूप में काम कर रहा है। मुझे बताया गया है कि इस मंदिर को अब और भी दिव्य और भव्य बना दिया गया है। इस अवसर पर सोने से जड़ा गर्भगृह भी भगवान श्री सीता राम, भगवान अयप्पा और भगवान शिव को समर्पित किया जा रहा है।
जहां सीता राम हैं वहां भगवान हनुमान का न होना असंभव है। इसलिए 55 फीट ऊंची भगवान हनुमान की भव्य प्रतिमा भक्तों पर अपनी कृपा बरसाएगी। इस अवसर पर मैं सभी भक्तों को कुंभाभिषेक की शुभकामनाएं देता हूं। मैं विशेष रूप टीएस कल्याणरमन जी और कल्याण परिवार के सभी सदस्यों को बधाई देना चाहता हूं। मुझे याद है कि कई साल पहले जब आप मुझसे गुजरात में मिलने आए थे तो आपने मुझे इस मंदिर के प्रभाव और प्रकाश के बारे में विस्तार से बताया था। आज, भगवान श्री सीता रामजी के आशीर्वाद से, मैं इस शुभ अवसर का हिस्सा बन रहा हूं। मन, ह्रदय और चेतना से मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं आपके बीच मंदिर में वहीं हूं और मुझे आध्यात्मिक आनंद की भी अनुभूति हो रही है।
त्रिशूर और सीता राम स्वामी मंदिर न केवल आस्था के शिखर हैं, बल्कि वे भारत की चेतना और आत्मा के प्रतिबिंब भी हैं। मध्यकाल में जब विदेशी आक्रमणकारी हमारे मंदिरों और प्रतीकों को नष्ट कर रहे थे, तो उन्होंने सोचा कि वे आतंक के माध्यम से भारत की पहचान को नष्ट कर देंगे। लेकिन वे इस बात से बेखबर थे कि भारत प्रतीकों में दिखाई तो देता है, लेकिन अपने ज्ञान और विचार में जीता है। भारत सनातन की खोज में जीता है। यही वजह है कि भारत हर चुनौती का सामना करने के बाद भी जिंदा है। इसलिए भारत की आत्मा सीता राम स्वामी और भगवान अय्यप्पा के रूप में अपनी अमरता की घोषणा कर रही है। उस समय के ये मंदिर घोषणा करते हैं कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का विचार हजारों वर्षों का अमर विचार है। आज हम आजादी के 'अमृत काल' में अपनी विरासत पर गर्व करने का संकल्प लेकर इसी विचार को आगे बढ़ा रहे हैं।
हमारे मंदिर और तीर्थ सदियों से हमारे समाज के मूल्यों और समृद्धि के प्रतीक रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे खुशी है कि सीता राम स्वामी मंदिर प्राचीन भारत की भव्यता और वैभव को संरक्षित कर रहा है। आप मंदिरों की उस परंपरा को भी आगे बढ़ा रहे हैं जहां समाज से प्राप्त संसाधनों को सेवा के रूप में लौटाने की व्यवस्था थी। मुझे बताया गया है कि इस मंदिर के माध्यम से अनेक जन कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जाते हैं। मैं चाहूंगा कि मंदिर इन प्रयासों में देश के और संकल्प जोड़े। अन्न अभियान हो, स्वच्छता अभियान हो या प्राकृतिक खेती के प्रति जन जागरूकता हो, आप इन प्रयासों को और गति दे सकते हैं। मुझे विश्वास है कि सीता राम स्वामी की कृपा सब पर बनी रहेगी और हम देश के संकल्पों के लिए काम करते रहेंगे। एक बार फिर आप सभी को इस शुभ अवसर पर बहुत-बहुत बधाई।