गाजियाबाद।प्राचीन काल से ही गौ वंश ( गाय,बैल,नंदी,बछड़े व बछिया) भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा हैं।गाय का दूध,दही व घी ही नही गोबर व मूत्र भी ओषधिय गुणों से परिपूर्ण होने के कारण व बैलो के बोझा ढोने व कृषि मे अन्य कार्यो मे उपयोगी होने के कारण
देश की अर्थव्यवस्था मे,कृषि मे,स्वास्थय प्राप्ति हेतु चिकित्सा मे भी गौ वंश की उपयोगिता को देखते हुए देश वासियो की गौवंश मे ऐसी अस्था है कि गौ वंश के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए देशवासी गौवंश की पूजा करते है।
गौसेवा गतिविधि गाजियाबाद के विनोद जी,आनंद जी, ज्ञानेन्द्र जी,अनिल जी,मनीष जी,सुनील जी,जितेंद्र जी,कैलाश जी,आकाश जी आदि के आह्वान पर आज गाजियाबाद मे भारत गौशाला(इंदिरापुरम ) ओमशांति गौशाला ( वैशाली),श्री कृष्ण गौशाला (विजयनगर),लोहिया नगर गौशाला(लोहिया नगर),रामप्रस्थ ग्रीन गौशाला( वैशाली सेक्टर -5),धेनुधाम गौशाला( विजय नगर एक्सटेंशन)