मतदाता सूची में नाम जोड़ने, एड्रेस बदलने या किसी भी तरह का सुधार करवाने वाले लोगों के लिए एक बड़ा बदलाव लागू हो गया है। निर्वाचन आयोग ने इस बार फ़ॉर्म-6 (नया नाम जोड़ने) और फ़ॉर्म-8 (एड्रेस व जानकारी सुधार) के साथ घोषणा-पत्र (Declaration Form) को अनिवार्य कर दिया है।
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एसआईआर प्रक्रिया के कारण अभी फ्रीज़ है वोटर लिस्ट
विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR - Special Intensive Revision) प्रक्रिया चल रही है, जिसके कारण—
न नया नाम जोड़ा जा सकता है
न कोई नाम हटाया जा सकता है
और न ही कोई सुधार किया जा सकता है
यह सभी कार्य 9 दिसंबर से फिर शुरू होंगे।
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क्या है नया नियम?
निर्वाचन विभाग ने इस बार मतदाता पंजीकरण में सख्ती बढ़ाई है।
अब से—
✔ केवल फॉर्म जमा करना पर्याप्त नहीं होगा
✔ साथ में घोषणा-पत्र लगाना अनिवार्य है
✔ घोषणा-पत्र पर बीएलओ (BLO) के हस्ताक्षर जरूरी होंगे
❌ बिना हस्ताक्षर वाला फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाएगा
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घोषणा-पत्र में क्या भरना होगा?
मतदाता को घोषणा-पत्र में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ देनी होंगी—
माता-पिता का नाम
यदि अंतिम SIR सूची में नाम नहीं है, तो
रिश्तेदारों का विवरण
संबंधित विधानसभा क्षेत्र
वोटर लिस्ट में सीरियल नंबर
अंत में यह लिखकर देना होगा कि सारी जानकारी तथ्यात्मक रूप से सही है
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9 दिसंबर से क्या बदल जाएगा?
जैसे ही SIR प्रक्रिया पूरी होगी, 9 दिसंबर से ये बदलाव लागू होंगे—
पुराने लंबित आवेदन स्वतः खारिज हो जाएंगे
गलत विवरण देने वालों को नोटिस जारी किया जाएगा
उसी दिन ड्राफ्ट वोटर लिस्ट भी जारी होगी
जनता अपना नाम, एड्रेस और सभी विवरण जांच सकेगी
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क्यों लागू किए गए ये नए नियम?
निर्वाचन आयोग के अनुसार, हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में—
फर्जी पते
डुप्लीकेट नाम
गलत जानकारी
जैसी समस्याएँ सामने आई थीं।
इन सभी को रोकने और मतदाता सूची को अधिक सटीक व पारदर्शी बनाने के लिए यह नई प्रक्रिया लागू की गई है।


