आरबीआई ने कहा कि यूपीआई का अंतर्राष्ट्रीयकरण तेजी से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि भारत परिवर्तनकारी बदलाव के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने में विश्व में अग्रणी बन गया है।(UPI is gaining momentum internationally, RBI said, as India becomes a global leader in leveraging digital transformation)
11/25/2024
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दिल्ली। आरबीआई ने कहा कि एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) का अंतर्राष्ट्रीयकरण तेजी से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि भारत परिवर्तनकारी बदलाव के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने में विश्व में अग्रणी बन गया है। अक्टूबर में यूपीआई ने एक महीने में 16.6 बिलियन लेन-देन का मील का पत्थर हासिल किया, जिसमें इसकी क्षमताओं में सुधार हुआ, जिसमें 86 प्रतिशत पर सफल तत्काल डेबिट रिवर्सल शामिल हैं। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा कि भारत का यूपीआई, एक ओपन-एंडेड सिस्टम है जो किसी भी भाग लेने वाले बैंक के एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों को सशक्त बनाता है, अंतर-बैंक पीयर-टू-पीयर और व्यक्ति-से-व्यापारी लेनदेन को सहजता से आगे बढ़ा रहा है। श्री पात्रा के अनुसार, डिजिटल क्रेडिट परिदृश्य में नवाचारों, जैसे अकाउंट एग्रीगेटर्स, ओसीईएन और ओएनडीसी पर वित्तीय सेवाओं ने भी उत्पादकता लाभ में योगदान दिया है। भारत में ग्रामीण आबादी का लगभग 40 प्रतिशत और कुल आबादी में 20-30 वर्ष आयु वर्ग का 78 प्रतिशत इंटरनेट का उपयोग करता है।
लगभग एक तिहाई परिवार उपभोग्य सामग्रियों और सेवाओं की ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, एक चौथाई उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं खरीदते हैं और लगभग दसवां हिस्सा खाद्य पदार्थ खरीदते हैं।
श्री पात्रा ने कहा कि भारत अपने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई), एक जीवंत सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र और बढ़ती युवा आबादी के साथ विकास के नए रास्ते खोलने और मौजूदा रास्तों को अनुकूलित करने के लिए अद्वितीय स्थिति में है।
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