दिल्ली (Delhi) - दिल्ली दक्षिण पूर्व जिले की एंटी नारकोटिक्स स्क्वायड टीम ने एक ऐसे आठवीं पास हबिचूअल्ली मोबाइल स्नैचर को दबोचा है जो पैदल चलने वालों से मोबाइल फोन छीनता था पकड़े जाने पर सुधरने की वजाये जमानत पर बाहर आकर फिर से मोबाइल स्नेचिंग करने लगता था। आरोपी की पहचान ईस्ट ऑफ़ कैलाश निवासी 22 वर्षीय गौरव के रूप में हुई है। आरोपी के कब्जे से सात मोबाइल फोन और एक चोरी की कार बरामद की गई है। इसकी गिरफ्तारी से आठ मामले सुलझ गए हैं। इसकी लम्बी क्राइम हिस्ट्री है यह पहले भी स्नैचिंग और चोरी के 10 मामलों में शामिल है।
दक्षिणपूर्व जिले में मोबाइल स्नैचिंग करने वाले एक स्नैचर ने आंतक मचा रखा था। यह स्नैचर राह चलते लोगो खासतौर पर महिलाओं को टारगेट करके मोबाइल चोरी की वारदातों को अंजाम देता था।
दक्षिणपूर्व जिले की डीसीपी ऐशा पांडे ने ‘ऑपरेशन संरक्षण’ के तहत दक्षिणपूर्व जिले में मोबाइल स्नैचिंग की वारदातों पर अंकुश लगाने और आरोपियों को जल्द से जल्द दबोचने का काम मनोज सिन्हा एसीपी ऑपरेशन की देखरेख व राकेश शर्मा इंस्पेक्टर एंटी नारकोटिक्स स्क्वायड दक्षिण पूर्व जिले के नेतृत्व में एसआई अमित ग्रेवाल, हेड कॉन्स्टेबल महेन्दर, सुखबीर, सुबोध, कांस्टेबल पंकज व हिमांशु की एक टीम को सौंपा।
दक्षिणपूर्व जिले की डीसीपी ऐशा पांडे का ‘ऑपरेशन संरक्षण’ के तहत अपने जिले में क्रिमिनलों को क्लियर व कड़ा मैसेज है की क्राइम छोटा हो या बड़ा क्रिमिनलों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जायेगा। क्रिमिनल अपने दिमाग से गलतफहमी निकाल दें की अपराध करके वो बच जायेगें। क्राइम को अंजाम देने वाले क्रिमिनल के साथ साथ क्राइम में क्रिमिनल की मदद करने वाले किसी को भी बक्शा नहीं जायेगा।
टास्क मिलते ही इंस्पेक्टर राकेश शर्मा की टीम ने सबसे पहले सनलाइट कॉलोनी, कालिंदी कुंज, गोविंदपुरी, बदरपुर, अमर कॉलोनी, ओखला, पुल प्रहलादपुर, तुगलकाबाद व सरिता विहार में सक्रिय मोबाइल चोरों के बारे में जानकारियां इकट्ठा कर उन पर निगरानी शुरू की और साथ ही मुखबिरों का जाल बिछा दिया। एंटी नारकोटिक्स स्क्वायड की एक टीम दक्षिणपूर्व जिले से चोरी हुये मोबाईलो की आईएमईआई नंबर को सर्विलांस पर लगाकर नजर रखने लगी।
एसआई अमित ग्रेवाल ने दक्षिणपूर्व जिले में जिस जिस जगाहों से मोबाईल स्नैचिंग की वारदातें हुई थी उन जगाहों के सीसीटीवी कैमरे खंगाले।
इंस्पेक्टर राकेश शर्मा को मुखबिर से टिप मिली की ईस्ट ऑफ़ कैलाश निवासी गौरव एक हबिचूअल मोबाईल स्नैचर है और आज कल कोई काम धंधा भी नहीं कर रहा लेकिन पुराने फोन वो भी बिना बिल के चोरी छुपे बेच रहा है।
इंस्पेक्टर राकेश शर्मा के कहने पर मुखबिर ने गौरव से संपर्क कर पुराना मोबाईल खरीदने की इच्छा जाहिर की। गौरव ने पुलिस के मुखबर को एक मोबाईल दिखाया। लेकिन मुखबर ने गौरव को कोई दूसरा मोबाईल दिखाने को कहा। गौरव ने मुखबिर से कहा की उसके पास तो अभी यही है अगर कुछ और मोबाइल देखने हैं तो कल आश्रम चौक पर मिल जाना मेरे पास कुछ मोबाइल है जिनको मैं आश्रम चौक पर अपने किसी जानकार को बेचने जायूंगा उसमे से पसंद कर लेना।
मुखबिर की सूचना पर दिनांक 13 जून को इंस्पेक्टर राकेश शर्मा की टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में पर आश्रम चौक पर जाल बिछाया।
कुछ देर बाद टीम ने देखा कि बदरपुर की ओर से एक ईको कार आ रही थी । मुखबिर ने उस कार की ओर इशारा किया। मुखबिर के इसारा करने पर टीम ने कार को रोका और चालक को पकड़ लिया। जिपनेट पर चेक करने पर कार थाना अमर कॉलोनी के इलाके से चोरी हुई मिली। आरोपी की सरसरी तलाशी लेने पर उसके पास से सात मोबाइल फोन बरामद हुए। बरामद मोबाइल के मालिकाना हक के बारे में पूछने पर आरोपी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
पूछताछ करने पर आरोपी की पहचान ईस्ट ऑफ़ कैलाश निवासी 22 वर्षीय गौरव पुत्र महेश के रूप में हुई। पूछताछ के दौरान गौरव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी के कब्जे से सात मोबाइल फोन और एक चोरी की कार बरामद की गई है। इसकी गिरफ्तारी से आठ मामले सुलझ गए हैं।
टेक्निकल सर्विलांस के बाद बरामद मोबाइल फोन थाना सनलाइट कॉलोनी, कालिंदी कुंज, गोविंदपुरी और बदरपुर के इलाके से छीने हुए मिले।
लगातार पूछताछ करने पर आरोपी गौरव ने बताया की उसने 8वीं तक पढ़ाई की है। वह शराब और ड्रग्स का आदी है। खाने कमाने के लिए उसके पास करने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए अपनी शराब और ड्रग्स की लत को पूरा करने के लिए क्राइम करना शुरू कर दिया। इसके अलावा उसने खुलासा किया कि वह अपने सहयोगियों के साथ दक्षिणपूर्व जिले के क्षेत्र में पैदल चलने वालों से मोबाइल फोन छीनता था। वह हाल ही में थाना लाजपत नगर में स्नैचिंग के एक मामले में जमानत पर छूटा था। वह पहले भी स्नैचिंग और चोरी के 10 मामलों में शामिल है।