नोएडा(Noida)।नोएडा शहर की पहचान बन चुके शहीदों के यादगार का प्रतीक नोएडा शहीद स्मारक के 21वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक समारोह में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए जांबाजों को श्रद्धांजलि दी गई। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए जनरल मुकुंद नारावने, पीवीएसएम, एवीएसएम,एसएम, वीएसएम, एडीसी, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने शहीदों के स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाकर शहीदों को सलामी दी और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर नेवी और एयरफोर्स के शीर्ष अधिकारी भी शहीदों के स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर सलामी दी। इस अवसर पर वार्षिक न्यूजलेटर का विमोचन किया गया।
नोएडा के हृदय में बसा नोएडा शहीद स्मारक देश का एक मात्र ऐसा शहीद स्मारक है जिसे नोएडावासियों के अपने शहीदों के यादगार के लिए बनाया है। ये आज नोएडा का लैंडमार्क बन चुका है। स्मारक शहर के लोगों के लिए प्रेरणादायक स्थल बना हुआ है। इसके स्थापना दिवस के लिए आयोजित में समारोह सुबह 10 बजे जनरल मुकुंद नारावने, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने शहीदों के स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाकर शहीदों को सलामी दी और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर नेवी और एयरफोर्स के शीर्ष अधिकारी भी शहीदों के स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर सलामी दी इसके बाद नोएडा के 38 शहीदों के परिवारों ने देश की रक्षा में शहीद हुए अपने प्रियजनों को फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। युवाओं की तरफ से आर्मी पब्लिक स्कूल के छात्र ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। जबकि देश के लिए जान क़ुर्बान करने वाले अज्ञात शहीदों को भी याद किया गया और उनकी याद में पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गई।
श्रद्धांजलि समारोह के बाद जनरल मुकुंद नारावने(General Mukund Naravane) ने संस्था के वार्षिक न्यूजलेटर का विमोचन किया। इस अवसर पर देश के लिए शहीद हुए को याद करते हुए कहा की उनकी कुर्बानी की वजह से हम आज़ाद देश में रह रहे है। नोएडा शहीद स्मारक तारीफ़ करते हुए कहा कि तीनों सेनाओं के शहीदों के लिए बनाए गए इस स्मारक के स्थापना दिवस पर आकर मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक स्थल बना हुआ है ये आज नोएडा का लैंडमार्क बन चुका है। इसको जीवंत बनाए रखना जरूरी है। स्मारक शहर के लोगों के लिए प्रेरणादायक स्थल बना हुआ है।
जनरल मुकुंद नारावने आज जब हम आजादी के 75 साल मना रहे हैं हम गर्व के साथ कह सकते हैं भारत के जवानों ने विषम परिस्थितियों में भी अपना धैर्य नहीं खोया है और अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह समर्पित समर्पित हैं। नाम, नमक और निशान के लिए जीने मरने को तैयार हैं वे यह जवान देश के लोगों के लिए रोल मॉडल है शहीदों के परिवार के जो लोग यहां मौजूद हैं वे सोसाइटी में सेनाओं के दूत के समान हैं। देश के लिए शहीद होने वाले जवानों की परिवार वालों को मैं सलाम करता हूं। उन्होंने इस अवसर पर शहीदों के परिवार वालों से मुलाक़ात की और उपहार दिये।